Sunday, March 21, 2010

आई पी एल की बोली

क्रिकेट का बिज़नस अगर सीखना हो तो दुनिया वालो ललित मोदी की क्लास में नाम लिखा लो । क्या दिमाग हैआई पी एल की नई बोली में तो रिकॉर्ड ही बन गया। पिछली बार की आठो टीम के कुल दाम से इस बार की मात्र दो टीम का दाम ही अधिक है। महंगाई का जमाना है तो सब कुछ महंगा होगा न । यही तो है इंडिया की क्रिकेट value। यही एक ऐसा क्षेत्र है जिसमे भारत superpower है। hockey इंडिया चलाने वालों क्या आप मोदी की क्लास में जा कर कुछ सीखेंगें। दुनिया के hockey बाज़ार में भारत की हिस्सेदारी ५० परसेंट है फिर भी भारत का सिवेंद्र बिना कोई सिकायत के दो मैच के लिए बैन कर दिया जाता है । और hockey की इस बार की वर्ल्ड कप की दुर्दसा की सुरुआत चालू ।तो ललित मोदी जी आप थोडा hockey की भी मार्केटिंग कर दो न ।

Sunday, January 31, 2010

सन्डे wichar

बहन मायावती को अपनी मूर्तियों की सुरक्षा की इतनी चिंता है की वे इसके लिए एक अलग पुलिस बल के गठन में लग गयी हैं। अपना विधायक है बिल तो विधानसभा में पास हो ही जायेगा । लेकिन इस पर आने वाले खर्च को यदि दलितों के कल्याण पर खर्च किया जाता तो बेचारे की कुछ बेचारगी दूर भी होती । ये पुलिस बल क्या करेंगे मूर्ति पर बैठने वाले पक्षियों को उराएंगें की कहीं ये उसपर बीत न कर दें यदि कर भी देंगे तो उसको ये पाने से साफ करेंगें। भला इससे बड़ा मजाक इस लोकतंत्र का और क्या हो सकता है की जब मन चाहे अपने तरह का विधेयक विधान सभा से पास करा लो ।
आजकल मराठा राजनीती उफान पर है । जबसे राज ठाकरे ने तेरह विधायक जित लिया तबसे कांग्रेस और शिवसेना में कुछ जयादा ही मराठा प्रेम उमर आया है । लगता है की मुंबई इनलोगों की पुस्तैनी जागीर है। अरे मौसमी राजनीती करने वालों दो चार दिन की जिन्दगी ही तो है। कहे अखंड भारत को तोरने में लगे हो। अभी भी तो अंग्रेजों वाले सोच से निकलो ।

Sunday, September 20, 2009

लालू अभी आपकी जरुरत नहीं .........

क्या बिहार में फिर लालू राबरी का दिन आ जाएगा । यदि ऐसा होता है तो फिर बिहार का दुर्दिन चालू। जिस तरह से उपचुनाव जीत का जश्न लालू रामविलास के लोग दारू पठाका चला कर मनाए उससे तो यही लगता है की ये लोग चुनाव जीत कर अपनी ऐयाशी को जीते हैं। बहुत अरसे के बाद बिहार देश के मुख्या धारा में चला है और कम से कम पॉँच साल और इसे नीतिश की जरुरत है। चुनाव में नीतिश कुमार कुछ अति आत्मविश्वाश के शिकार हो गए थे जिसका नतीजा सामने है। और दलबदलुओं को तो किसी भी कीमत पर गले लगाने का परिणाम भी उन्हें समझ आ गया होगा। आज के बिहार में आप अपनी शिकायत पर जवाब पा सकते हैं। बिना डर के आ जा सकते हैं। हाँ नीतिश कुमार को घमंड में नहीं बोलना चाहिए । यदि आप किसी को कुछ ज्यादा दे नहीं सकते तो उसे दुखाएँ नही।
नीतिश कुमार को कांग्रेस से सिख लेनी चाहिए की कैसे उसने ठीक चुनाव से पहले किसान का ऋण माफ कर दिया । कर्मचारी को छठा वेतन का तोहफा दे दिया और भी बहुत सारे पिटारे खोल दिए। आख़िर एक सरकार बनने के लिए यदि एक लाख करोड़ का दाव लगाना कोई ग़लत सौदा नहीं। इसका परिणाम भी निकला और कांग्रेस की सरकार भी बन गई। नीतिश को भी कुछ ऐसा ही करना चाहिए जिससे लालू से बिहार की जनता बची रहे। क्योंकि जनता को बरगलाने में लालू का कोई जवाब नहीं। आख़िर हैं तो वो वही भोली भली हरिशंकर परसाई की भेड़ भेड़िया वाली जनता जिसको नेता रूपी भेड़िया रोज खाता है नाश्ता के रूप में भोजन के रूप में । डिनर के रूप में ।

Tuesday, May 5, 2009

नरेगा में लूट

राहुल गाँधी आजकल जब भी चुनावी भाषण की training ले रहे होते हैं तो उसमे नरेगा की चर्चा वे मुख्य रूप से करते हैं । लेकिन जिस खगरिया जिला में वे अपने प्रत्याशी महबूब केशर अली का चुनावी अभियान में सरिक हो रहे हैं वहीँ नीचे वर्णित ख़बर को पढ़ कर आप जान जायेंगे की नरेगा में मजदूर किस तरह लूट रहे हैं स्रोत दैनिक जागरण.......... सबसे आश्चर्य की बात यह की जिस प्रखंड की यह घटना है वहीँ से बिहार सरकार के कद्दावर मंत्री रामानंद सिंह जो परिवहन मंत्री हैं का गृह प्रखंड है ।
इस ख़बर को पढ़कर जान सकते हैं की कैसे नरेगा की धज्जियाँ उड़ रही हैं क्या राहुल गाँधी को सचमुच मजदूरों के अधिकार की चिंता है या वो भी मौसमी फायदा के चक्कर में हैं। ........................... इसे पढ़ कर ............. जाने हकीकत
एसडीओ द्वारा जब्त जेसीवी थाना से गायब
May 05, 12:32 amखगड़िया।
नरेगा योजना अंतर्गत बंदेहरा पंचायत में जेसीवी मशीन से मिट्टी की कटाई करने का एक मामला प्रकाश में आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त जेसीवी मशीन को गोगरी एसडीओ शोभेंद्र कुमार चौधरी द्वारा जब्त कर पसराहा थाना को सुपुर्द कर दिया गया। मामला एक सप्ताह पूर्व की बतायी जा रही है। इधर, अबतक इस संदर्भ में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है। और तो और उक्त जेसीवी भी थाना में नहीं है। इस संदर्भ में गोगरी एसडीओ ने बताया कि 27-28 अप्रैल को चुनावी कार्य के दौरान किसी ने मोबाईल पर उन्हें सूचना दी कि उक्त स्थल पर नरेगा योजना अंतर्गत चल रहे कार्य में शाम ढलने के बाद मजदूरों के बदले जेसीवी मशीन से मिट्टी कटवाये जा रहे हैं। सूचना पर जब वे उक्त स्थल पर गये, तो मामला को सही पाकर जेसीवी को जब्त कर पसराहा थाना को सौंप दिया। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में डीएम, डीडीसी को भी उन्होंने कार्रवाई को लेकर जानकारी दी है। वहीं नरेगा के प्रोग्राम पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई को भी लिखा। परंतु, अबतक क्या कार्रवाई हुई, यह तो पुलिस व नरेगा के अधिकारी ही बता पायेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि यह तो ग्रामीण विकास का मामला है। सीधे तौर पर उन्हें कोई कार्रवाई का अधिकार भी प्राप्त नहीं है। इधर, गोगरी डीएसपी मुरलीधर मिश्रा ने उक्त जेसीवी के संदर्भ में पूछे जाने पर बताया कि जेसीवी कहां है, उन्हें पता नहीं। हां, जेसीवी की चाभी थाना में ही है। अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं होने के सवाल पर उनका कहना था कि किसी अधिकारी ने इस संदर्भ में अब तक प्राथमिकी दर्ज करने हेतु लिखकर कुछ नहीं दिया है। ऐसे में उक्त जेसीवी के मालिक बिना मतलब जेसीवी को थाना में रखने का आरोप लगाकर हर्जाना का दावा करते, तो पुलिस कहां से देती। सूत्रों के अनुसार मजदूरों के पलायन को रोकने व उन्हें रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत रोजगार देने की मंशा से केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे उक्त योजना का यह नमूना मात्र है। सूत्रों का कहना है कि पूरे जिले में नरेगा अंतर्गत चलाये जा रहे योजनाओं की जमीनी जांच हो, तो ऐसे कई चौकाने वाले तथ्य सामने आयेंगे।

Monday, April 27, 2009

चुनावी रंग

बिहार के चुनाव में सभी दल हल्ला बोल में लगे हैं और इसमे भी कुछ खास हैं। जैसे लालू प्रसाद .......... रामविलास पासवान ............ कल तक ये दो एक दुसरे को सुहाते तक ना थे और आज ................. कल भी साथ रहने का वादा करते हैं। बेचारे लालू जी की तो जवान फिसलन का दौरा पर गया है ........ कभी रोलर चलाने का वादा करते हैं तो कभी अपने खेवनहार कांग्रेस पार्टी को ही जो इन्हें सी बी आई से बचा रही है चारा निगलने के आरोप में , को ही कह देते हैं की बाबरी मस्जिद को तोड़ने का जिम्मा कांग्रेस पर भी आता है। लालू यादव का तो माय टूट गया । बिहार का मुस्लिम मतदाता लालू फोबिया से अपने को अलग कर रहा है। कांग्रेस को वो देख रहा है । इसी को लेकर लालू जी को बौखलाहट आ गई की मेरे मुस्लिम वोट को कांग्रेस क्यों तोरे। भारत के मुस्लिम मतदाताओं की एक बड़ी त्रासदी यही है की सभी राज्य में अलग अलग दल भाजपा नाम का भूत दिखा कर उसे फुसला लेते हैं। वोट लेने के बाद उनकी सुध किसी को नही होती। आख़िर कब तक ये ब्लैक मेलिंग चलता रहेगा । रावरी देवी भी लालू जी की ही तरह आज कल तोप ही छोर ही रही है। कौन नहीं जानता की अधिकांश नेताओं का चरित्र किस तरह का होता है। समाज को धोखा देना तो इनका पहला वसूल है ही इश्क से लेकर फरेब तक इनके आचरण में शामिल रहता है। ऐसे आचरण के ही अधिकांश नेता नेत्री हैं। तो किसी एक को टारगेट करने से कुछ नहीं होने वाला । अपने घर में भी रावरी जी को देखना चाहिए। खैर ये सब चुनाव तक ही। फिर नेता जनता को लूटने में लग जायेंगे।

Saturday, March 7, 2009

गाँधी जी की कुछ नीलामी
















ऊपर कुछ फोटो है जिसमे सबसे ऊपर है जेम्स ओटिस का फोटो जो रोते हुए दिख रहे हैं । आपको क्या लगता है की यह सचमुच में रो रहे हैं। नहीं यह वास्तव में घरियाली आंसू है । जो व्यक्ति गाँधी जी के सामान को बेचकर नाम और दाम कमाना चाहता है वो सही में ही दिल से रोकर पछता रहा है ? मुझे क्या किसी को भी यह हज़म नही होगा। पश्चिम के कुछ लोगों की यह जन्मजात आदत होती है की वे हमारे देवी देवताओं के फोटो को सौचालय में लगा देते हैं तो कभी इस्लाम को कुरेदने के लिए मुहम्मद साहब के फोटो को कार्टून बनाकर अख़बार में लगा देते हैं। और अब राष्ट्रपिता गांधीजी के कुछ यादगार चीजों को बाज़ार में नीलामी के लिए रख सस्ता प्रचार बटोर रहे हैं।
एक सवाल मुह बाए खड़ी है की जेम्स ओटिस को उपरोक्त वस्तुएं जो फोटो में दिख रही है को कहाँ से मिली । भारत सरकार इस बात में ही खुश हो रही है की उसने विजय माल्या के जरिये ये सब चीज भारत ले आई लेकिन किस तरह खरीदकर। क्या भारत सरकार का इतना भी रसूख नहीं की वो सीधे इन सब चीजों को बाज़ार की वस्तु बनने के बजाय सीधे अमेरिकी सरकार से बात कर भारत लाती।
चलो विजय माल्या ने दारू की कमाई के बल पर ही सही गाँधी जी के सामान को भारत तो ले आया ।

Sunday, February 15, 2009

स्लम डॉग का स्लम

दी सन्डे इंडियन के 9 -22 फरबरी के अंक में स्लम डॉग मिलिनेयर के बारे में पढ़ा । भारत के स्लम को डॉग बनाकर मिलियनों कमाने वाले डैनी बॉयल शायद यह भूल रहे हैं की इस स्लम डॉग देश का ही ( लक्ष्मी मित्तल ) उनके (ब्रिटेन ) देश का सबसे बड़ा हस्ती है। कुछ भारतीय कलाकार इस सिनेमा से जुड़कर आज अपने को सातवें आसमान पर पा रहे हैं और गोल्डन ग्लोब , बाफ्टा पाकर तथा ऑस्कर में नामित होकर धन्य महसूस कर रहे हैं। किंतु यह पुरुस्कार उन्हें भारत की गरीबी , संस्कृति को बेइज्जत करने , बच्चों की नकारात्मक छवि बनाकर पेश करने की दी जा रही है । पश्चमी दुनिया को आज का उदीयमान भारत हजम नहीं हो रहा है और वह हर उस छवि को देखकर दिल को तसल्ली देगा जिसमें भारत को मलिन बस्ती वाला मुल्क ,गरीबों के घर वाला मुल्क , बाल शोषण वाला मुल्क, हिंदू मुस्लिम दंगो वाला मुल्क के रूप में चित्रण हो। डैनी बॉयल ने इस काम को बखूबी अंजाम दिया हैं । क्या किसी भारतीय फिल्मकारों में यह हिम्मत क्यों नही होता है जो अपने फ़िल्म में 1947 में अंग्रेजों द्वारा लूट कर छोड़ दिए गए भारत को आज के विश्वा हस्ती बन रहे भारत के रूप में परिवर्तन को दिखा सके।